ढाई अक्षर
✍🏻✍🏻.. काफी बरसों पहले पढ़ा था..! पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोय। ढाई अक्षर प्रेम के, पढ़े सो पंडित होय॥ अब पता लगा है कि, ढाई अक्षर हैं क्या ? तब से मन शांत हो गया. ``` 2½ अक्षर के ‘ब्रह्मा’ और, ढाई अक्षर की ‘सृष्टि’. ``` ``` ढाई अक्षर के ‘विष्णु’ और ढाई अक्षर की ‘लक्ष्मी’. ``` ``` ढाई अक्षर की ‘दुर्गा’ और ढाई अक्षर की ‘शक्ति’. ``` ``` ढाई अक्षर की ‘श्रद्धा’ और ढाई अक्षर की ‘भक्ति’. ``` ``` ढाई अक्षर का ‘त्याग’ और ढाई अक्षर का ‘ध्यान’. ``` ``` ढाई अक्षर की ‘इच्छा’ और ढाई अक्षर की ‘तुष्टि’. ``` ``` ढाई अक्षर का ‘धर्म’ और ढाई अक्षर का ‘कर्म’. ``` ``` ढाई अक्षर का ‘भाग्य’ और, ढाई अक्षर की ‘व्यथा’. ``` ``` ढाई अक्षर का ‘ग्रन्थ’ और ढाई अक्षर का ‘सन्त’.``` ``` ढाई अक्षर का ‘शब्द’ और ढाई अक्षर का ‘अर्थ’. ``` ``` ढाई अक्षर का ‘सत्य’ और ढाई अक्षर की ‘मिथ्या’. ``` ``` ढाई अक्षर की ‘श्रुति’ और ढाई अक्षर की ‘ध्वनि’. ``` ``` ढाई अक्षर की ‘अग्नि’ और ढाई अक्षर का ‘कुण्ड’. ``` ``` ढाई अक्षर का ‘मन्त्र’ और ढाई अक्षर का ‘यन्त्र’. ``` ``` ढाई अक्षर की ‘श्वांस’ और ढाई अक्षर के ‘प्राण’.