शगुन के लिफाफे में हम एक रुपये का अतिरिक्त सिक्का क्यों रखते है
*💥शगुन के लिफाफे में हम एक रुपये का अतिरिक्त सिक्का क्यों रखते है ? महत्वपूर्ण जानकारी !!*जय श्री राधे
*यहां कुछ कारण दिए गए है -*
1.) संख्या '0' अंत का प्रतीक है जबकि '1' शुरुआत का प्रतीक है वह एक रुपये का सिक्का जोड़ा जाता है ताकि रिसीवर को शून्य के पार आने की जरूरत न पड़े !!
2.) आशीर्वाद अविभाज्य हो जाते है !!
वह एक रुपया वरदान है ! 101, 251, 501, आदि जैसी रकम। अविभाज्य है इसका मतलब है कि आपके द्वारा दी गई शुभकामनाएँ, शुभकामनाएँ और आशीर्वाद अविभाज्य है !!
3.) यह एक कर्ज है जिसका अर्थ है 'हम फिर मिलेंगे' !!
वह अतिरिक्त एक रुपया कर्ज माना जाता है उस एक रुपये को देने का मतलब है कि असली कर्ज प्राप्तकर्ता पर है जिसे फिर से आना होगा और देने वाले से मिलना होगा एक रुपया निरंतरता का प्रतीक है यह उनके बंधन को मजबूत करेगा इसका सीधा सा मतलब है, *"हम फिर मिलेंगे" !!*
4.) धातु देवी लक्ष्मी का अंश है !!
धातु पृथ्वी से आती है और इसे देवी लक्ष्मी का अंश माना जाता है ! यदि एक रूपये का सिक्का धातु का हो तो अच्छा है !!
5.) शगुन का 1 रुपये निवेश के लिए है शेष राशि को शगुन लेने वाला खर्च कर सकता है !!
शगुन देते समय हम कामना करते हैं कि जो धन हम देते है वह बढ़े और हमारे प्रियजनों के लिए समृद्धि लाए ! जहां शगुन की बड़ी रकम खर्च करने के लिए होती है वहीं एक रुपया विकास का बीज होता है नकद या वस्तु या कर्म में वृद्धि के लिए इसे बुद्धिमानी से निवेश या दान में देना है !!
🙏🏻😊 सतीश बंसल
*( श्राद्ध,तर्पण जैसे कार्य मे अतिरिक्त एक रूपया नही दिया जाता इस पर विशेष ध्यान रखना चाहिए !! )*
सतीश बंसल ll
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें