1.8% Vs. 7.8%......हिंदुत्व के लिए खतरनाक स्थिति

*प्रशासक समिति ✊🏻🚩*

कहीं हिंदू अपनी बरबादी की दास्तां खुद तो नहीं लिख रहे. यह विषय बहुत गंभीर चिंतन का है सभी हिंदुओं को अपनी स्थिति सुधारने के लिए तेजी से इसे बदलना होगा. 
आज हिंदुओं की जन्मदर 1.7 परसेंट है और मुसलमानों की से 7.8%.
 आप खुद ही अंदाजा लगा लीजिए कि आने वाले 20/ 30 सालों बाद भारत की क्या स्थिति होगी

*😢 यदि १-१ बच्चों का यह ट्रेंड नहीं सुधारा गया, तो हमारा हिन्दू समाज, सिमटते-सिमटते, पारसियों के परिवार जितना रह जायेगा!!!*

*🙏🏻 मरणासन्न परिस्थिती 🙏*

             *विडंबना*

❇️ आने वाले २०-२५ वर्षो में , घरों से कुछ रिश्ते हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे। भाई, भाभी, देवर, देवरानी, जेठ, जेठानी, काका, काकी सहित अनेक रिश्ते हिन्दूओं के घरों से समाप्त हो जाएंगे।

❇️बस ढाई तीन लोगों के परिवार बचेंगे, न हिम्मत देने वाला बड़ा भाई होगा, न तेज तर्राट छोटा भाई होगा,न घर मे भाभी होगी, न कोई छोटा देवर होगा, बहु भी अकेली होगी, न उसकी कोई देवरानी होगी न जेठानी। कुल मिलाकर इस एक बच्चा फैशन और सिर्फ मैं - मैं की मूर्खता के कारण ...

❇️ छोटे परिवार के कारण, मुस्लिमों के अत्याचारों को ज़बाब नहीं दे पाते और पलायन कर लेते हैं और इलाका हिन्दू विहीन होने लगता है। परिवार खत्म होते जा रहे हैं, दो भाई वाले परिवार भी अब आखरी स्टेज पर हैं । अब राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न सीता उर्मिला मांडवी जैसे भरे पूरे परिवार असम्भव हो चले हैं । पहले कच्चे घरो में भी बड़े परिवार रह लेते थे अब बड़े बंगलो में भी ढाई तीन लोग रहने का फैशन चल पड़ा है। मन दुखी होता है सोचकर, हम हिन्दुओं को ईमानदारी से इस दिशा में सोचना चाहिए।  इस चुनौती पूर्ण सदी में हम एक बच्चें को कहा कहा अड़ा पाएंगे और उसमें हिम्मत कौन भरेगा बिना भाइयों के कंधे पर हाथ रखे। हिन्दूओं की घटती हुई जनसंख्या(अन्य सम्प्रदायों की बढ़ती आबादी देखते हुवे) चिंता का विषय है!

❇️ हिन्दूओं को अपना ट्रेंड परिवर्तन करना होगा बच्चों की शादी की उम्र 20 से 24 तक निश्चित करें कामयाब बनाने के चक्कर में 30 से 35 तक खींच रहे हैं इतने में एक पीढ़ी का अंतर हो जाता है आपकी कामयाबी के समय में सामने वाला बीस का आंकड़ा पार कर देता है....!

❇️ आप अपने मैं-मैं(अहंकार) एवं अपने विशेष सुख के कारणों से आने वाली पीढ़ी का भविष्य खतरे में डाल रहे हैं। आज की दौड़ में किसी को किसी से मतलब नहीं है। दुःख एवं सुख में जब अपने इकट्ठे होते हैं। इसका स्वाद ही अलग होता है।

❇️ आप अपने बच्चों को संस्कार की मात्रा बढायें एवं हमारी संस्कृति पर जोरदार असर बनायें। यदि हमारा पुरा भरा परिवार हो तो  इसके बहुत सारे लाभ हैं।  हमारा मकसद हमारी एकता एवं अखंडता को कोई बाहरी लोग तोड़ नहीं सकें।

❇️ हमारे हिन्दू समाज से निवेदन है कि अपने बच्चों को जितनी भाषा सिखाएं। लेकिन अपने घर के हर सदस्य आपस में अपनी मातृ या हिन्दी भाषा  का उपयोग करें। 

❇️ आज हमारे परिवार दल छोटा होने का मुख्य कारण है कि माता पिता में संस्कार एवं संस्कृति की कमी होना। दुसरी बड़ा कारण है मैं (अहंकार)। आप जो भी बोयेंगे। वहीं फल के रूप में वापस मिलेगा।

*🙏🙏सोचनीय विषय है....। 🙏🙏🏻*
🙏

            *राधे-राधे*
*जय जय श्री राम 🙏🏻🚩*
 🙏
जय सत्य सनातन🚩*

*🚩हिन्दुराष्ट्र अनिवार्य🏹*
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🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️
सतीश बंसल, निवेश सलाहकार,
Author, (World Record Holder),
कटटर सनातनी, राष्ट्र भक्त, रक्त दाता
Youtuber, Blogger
हिंदू धर्म की जानकारी के लिए ब्लॉग पढें..
kattarsanatani.blogspot.com

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